मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की अगली लिस्ट के बाद क्या प्रदेश में और तेजी से दिखेगी बगावत की लहर?

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Harish Divekar
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मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की अगली लिस्ट के बाद क्या प्रदेश में और तेजी से दिखेगी बगावत की लहर?

BHOPAL. बीजेपी की पांचवी लिस्ट और कांग्रेस की लिस्ट का अब बेसब्री से इंतजार है। बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद आईं तीन लिस्टों में विरोध के सुर धीरे धीरे कम होते गए कांग्रेस में भी पहली लिस्ट के बाद विद्रोह कुछ कम सुनाई दिया है। हालांकि, परिवारवाद का बोलबाला नजर आ रहा है। दोनों ही दलों ने अब तक बेहद फूंक फूंक कर आगे कदम बढ़ाया और लिस्ट जारी की है, लेकिन अब बची हुई सीटें न कांग्रेस के लिए आसान है और न ही बीजेपी के लिए। इसलिए ये उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों की ही अगली लिस्ट ऐसी होगी जिसके बाद गुस्से और असंतोष का विस्फोट होगा।

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कांग्रेस ने शुभ दिन से लेकर अंक ज्योतिष तक का ध्यान रखा है

बीजेपी की चार लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। नाम फाइनल करने से पहले कांग्रेस में सर्वे पर सर्वे तो हुए ही लिस्ट जारी करने का समय भी और दिन भी सोच समझ कर तय किया गया। नवरात्र के पहले दिन सुबह नौ बज कर नौ मिनट पर 144 नामों की लिस्ट जारी की गई। इन तीन अंकों का जोड़ भी 9 ही होता है। शुभ दिन से लेकर अंक ज्योतिष तक का ध्यान रखा गया है। कुछ सीटों पर कांग्रेस ने भी बीजेपी का वाला ही दांव खेला है। मसलन जहां गणित उलझ सकता था उस सीट पर ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जो बिगड़ते समीकरण को संभाल सकें। अपने गढ़ को बचाने के लिए खुद कमलनाथ मैदान में हैं तो शिवराज सिंह चौहान के सामने मैदान संभलाने की जिम्मेदारी ऑन स्क्रीन हनुमान विक्रम मास्ताल को ही सौंप दी गई है। कैलाश विजयवर्गीय के सामने तो संजय शुक्ला तय ही माने जा रहे थे टिकट उन्हें ही मिला है। इसी तरह जबलपुर पश्चिम की सीट पर सांसद राकेश सिंह के सामने तरूण भनोत अब चुनौती बनकर खड़े हैं। नरोत्तम मिश्रा सरीखे धुरंधर का गढ़ छीनने का जिम्मा बीजेपी से ही कांग्रेस में आए अवधेश नायक को सौंपा गया है। हालांकि, दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर के सामने कौन खड़ा होगा इसका फैसला अब तक नहीं हो सका है।

पहली लिस्ट में छह ही विधायक ऐसे हैं जिनके नाम कटे हैं

कांग्रेस की लिस्ट भी कई सर्वे के बाद ही जारी हुई है फिर भी इसमें चौंकाने वाले एलिमेंट कम ही नजर आए। अधिकांश नाम वही नजर आए जिन्हें पहले से ही टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी। 69 विधायकों का टिकट रिपीट कर दिया गया है। पहली लिस्ट में सिर्फ छह ही विधायक ऐसे हैं जिनके नाम कटे हैं। इसके अलावा सिर्फ 9 दल बदलुओं और 2 निर्दलीय को मैदान में उतारा है। यानी पहली लिस्ट पूरी तरह से कांग्रेसिया कॉकटेल ही है जिसमें पुराने नेताओं का बैलेंस, परिवारवाद का भरपूर कॉम्बिनेशन और दल बदलुओं का पूरा साथ नजर आ रहा है। बीजेपी की तरह कांग्रेस ने भी पहली लिस्ट में ज्यादा बगावत को बुलावा नहीं दिया है। हालांकि, आने वाली लिस्ट में ऐसी गुंजाइश दोनों ही ओर कम ही होगी।

बीजेपी कांग्रेस की लिस्ट में कमियां निकालने से नहीं चूकी

कांग्रेस ने पहली ही लिस्ट में पूरी सावधानी बरती है। बीजेपी कोई सवाल न खड़े करे इसलिए नवरात्र पर लिस्ट जारी की गई। कर्नाटक में बजरंगबली के मुद्दे पर मिले फायदे के बाद अब कांग्रेस ने बुधनी सीट से टीवी के हनुमान विक्रम मास्ताल को ही मैदान में उतार दिया है। हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी कांग्रेस की लिस्ट में कमियां निकालने से नहीं चूकी। कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के बाद दिमनी से प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार अपनी दिमनी पहुंचे। और, यहां कांग्रेस की लिस्ट के लिए कहा कि इसमें एक भी प्रत्याशी जीतने वाला नहीं है...

  • वहीं, इंदौर-1 से बीजेपी के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा कि कांग्रेस की लिस्ट में सब फ्यूज बल्ब हैं...
  • वैसे कांग्रेस की पहली लिस्ट में और भी कई नाम हैं जिन पर बीजेपी आसानी से निशाना साध रही है...

कांग्रेस ने दिग्गजों को तो मैदान में उतारा ही है दलबदलूओं को भी टिकट दिया है...

  • कुंवर कपिध्वज सिंह को गुढ़
  • रश्मि सिंह पटेल को नागौद
  • बोध सिंह भगत को कटंगी
  • नीरज शर्मा को सुरखी
  • अवधेश नायक को दतिया
  • साहब सिंह गुर्जर को ग्वालियर ग्रामीण
  • राव यादवेंद्र सिंह यादव को मुंगावली
  • बैजनाथ यादव को कोलारस
  • अनुभा मुंजारे को बालाघाट से मैदान में उतारा है।

कांग्रेस की सूची में भाई-भतीजावाद का भी ध्यान रखा गया है

  • पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह और पुत्र जयवर्धन सिंह को भी टिकट दिया गया है।
  • पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई सचिन यादव को भी फिर से मैदान में उतारा गया है।
  • गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया को मेहगांव से मधन चंदारानी गौर को खरगापुर से टिकट मिला है।
  • कांतिलाल भूरिया की जगह उनके बेटे विक्रांत भूरिया को टिकट मिला है।
  • प्रेमचंद गुड्‌डू की बेटी रीना बौरासी को सांवेर से मैदान में उतारा है।
  • पिछले चुनाव में हारे अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह चुरहट से और सत्यदेव कटारे के बेटे हेमंत कटारे अटेर से मैदान में हैं।

परिवारवाद का जमकर विरोध कर रही बीजेपी के सामने कांग्रेस ने परिवारवाद को अपने पुराने पैटर्न पर ही जारी रखा है। कांग्रेस की पहली लिस्ट के बाद भी कई जगह बगावत और गुस्से का दौर शुरू हो चुका है। दलबदलुओं को टिकट मिलने से पार्टी में भी उन सीटों के नेताओं ने नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दी है।

  • नागौद के वरिष्ठ नेता यादवेंद्र सिंह ने बसपा की सदस्यता ले ली।
  • ग्वालियर ग्रामीण से दावेदार केदार कंसाना के इस्तीफे की खबर वायरल।
  • धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने इस्तीफा दिया।
  • आलोट से टिकट न मिलने पर प्रेमचंद गुड्डू ने नाराजगी जताई।
  • खरगापुर से टिकट न मिलने पर अजय यादव का इस्तीफा।
  • नरयावली से दावेदारी कर रहीं शारदा खटीक का इस्तीफा।
  • बिजावर से राजेश शर्मा ने इस्तीफा दिया।

बीजेपी ने आठ मंत्रियों की सीट पर कोई फैसला नहीं किया है

टिकट वितरण के बाद नाराजगी का दौर दोनों तरफ हैं। हालांकि, ये तो महज शुरुआत ही है। दोनों ही दलों ने ऐसी सीटो को होल्ड पर रखा है जहां नाम जारी होने के बाद ज्यादा बगावत के आसार हैं। यही वजह है कि बीजेपी ने भी अपने आठ मंत्रियों की सीट पर कोई फैसला नहीं किया है। जिनमें से कुछ के टिकट कट सकते हैं और कुछ मंत्रियों की सीट बदल सकती है। जानकारों का मानना है कि ऐसी सीटों पर चुनाव और नजदीक आने के बाद नाम जारी किए जाएंगे ताकि बागियों को कम से कम मोहलत मिल सके।

कांग्रेस ने देर से ही सही, लेकिन ज्यादा नामों की सूची जारी कर चुनावी मैदान की तस्वीर काफी कुछ साफ कर दी है।

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चुनावी रण को आने वाली लिस्ट और दिलचस्प बनाएगी

टिकट जारी करने के खेल में कांग्रेस सबसे देर से उतरी, लेकिन सबसे आगे निकल गई। पांच लिस्ट जारी करने के बावजूद बीजेपी सिर्फ 136 सीटों पर ही फैसला कर चुकी है। बसपा, आप और सपा तो इन आंकड़ों के आसपास भी नहीं हैं। बाकी पार्टियों एक तरफ चुनाव में दिलचस्पी रखने वालों की नजरें तो अब कांग्रेस और बीजेपी की अगली लिस्टों पर टिकी हैं। क्योंकि अब आने वाली लिस्ट ऐसे नामों से भरपूर होगी जिसमें सियासत और जिसके बाद बगावत भी भरपूर होगी। चुनावी रण को वही लिस्ट और दिलचस्प भी बनाएगी। जिसके लिए बस चंद ही दिनों का इंतजार और बाकी है।

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